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कब, क्यों और कैसे खत्म हुआ उच्च शिक्षा में आरक्षण ? क्या है समाधान ?

कब क्यों और कैसे खत्म हुआ उच्च शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण ? क्या है समाधान ? उच्च शिक्षण संस्थानों- विश्वविद्यालयों/ कालेजों/ संस्थानों/ अन्य अकादमिक संस्थाओं में ‘विभागवार आरक्षण’ को रद्द करके इन संस्थाओं को एक इकाई मानते हुए  “ कुल स्वीकृत पदों के अनुपात में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्गों का समुचित प्रतिनिधित्व/ आरक्षण सुनिश्चित करने हेतु ” संसद में अविलम्ब बिल पास करने पर ही दलित पिछड़े वर्गों को उनके संवैधानिक अधिकारों की प्राप्ति होगी. उच्च शिक्षण संस्थानों/विश्वविद्यालयों/कालेजों में विभागवार/विषयवार आरक्षण के विरुद्ध काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी से 2017 में शुरू हुआ आन्दोलन आज देशव्यापी बन चुका है और सड़क से संसद तक इसकी गूंज सुनायी दे रही है. पाठक यह भी जानते हैं की अप्रैल 2017 में इलाहाबाद हाईकोर्ट और विगत 22 जनवरी. 2019 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा उच्च शिक्षण संस्थाओं की नियुक्ति के सम्बन्ध में दिए गये ‘विभागवार आरक्षण’ के फैसले की वजह से उच्च शिक्षा में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्गों का आरक्षण/ प्रतिनिधित्व समाप्तप्राय हो गया है और उच्च शिक्