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सालबर्डी की प्राचीन बौद्ध संपदा

सालबर्डी में प्राचीन बौद्ध संपदा मौजूद बन सकता है बौद्ध पर्यटन स्थल, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे बैतूल। बैतूल जिले के मुलताई तहसील प्रभातपट्टन जनपद के अंतर्गत ग्राम सालबर्डी में प्राचीन बौद्ध संपदा मौजूद है। इंडियन आर्कियोलॉजी 1979-80 ए रिव्यूय लेेखक देबाला मित्रा, डायरेक्टर जनरल आर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया नई दिल्ली 1983 प्रकाशन के जिला अमरावती के अन्वेषण प्रोफेसर अजय मित्र शास्त्री और प्राचीन इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व नागपुर विश्वविद्यालय के डॉ. चंद्रशेखर के अन्नवेषण के अनुसार मध्यप्रदेश और महाराष्ट के सीमाओं पर बसा सालबर्डी गांव में गुफा है जिन्हें हीनयान बौद्धों द्वारा बनाया बाद में महायान बौद्धों द्वाराकब्जा कर लिया। वर्तमान में महानुभाव समुदाय द्वारा कब्जा कर लिया है। सालबर्डी में प्राचीन बौद्ध गुफा है। एक गुफा के गर्भगृह में कमल पे बैठा बुद्धा की कलाकृति है। बुद्ध का चेहरा क्षतिग्रस्त है। सालबर्डी में पद्मपानी एवं वज्रपानी बुद्ध की मूर्ति मौजूद है। सालबडी में और दो बौद्ध गुफा मौजूद है।  जिसमें से एक बौद्ध गुफा पूर्ण विकसित तथा एक बौद्ध गुफा अधूरी है।  आधुनिक महाराष्ट्राचा इतिहास क

बौद्ध स्तूप, राजपुर शिवपुरी

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  मप्र के शिवपुरी जिले में है सारनाथ के धमेक स्तूप की तरह का प्राचीन स्तूप Ajay Suryawanshi मप्र के शिवपुरी जिला मुख्यालय से 72 किमी दूर खनियाधाना तहसील में 2300 वर्ष से अधिक पुराना प्राचीन बौध्द स्तूप भग्नावस्था में अब भी बुधोन राजापुर गाँव मे खड़ा है ।गाँव के नाम से ही परिलक्षित होता है कि गांव का का भगवान बुद्ध के नाम से अवश्य ही कुछ संबंध है । स्तूप कई दिनों तक अनदेखी और बदहाली का शिकार रहा तथा स्थानीय गांववाले इसे "कुटिया मठ 'के नाम से जानते है ।अब यह पुरातत्व विभाग के अधीन है । रन्नौद से 12 किमी दूर चलकर यहां पहुंचा जा सकता है ।खनियाधाना- ईसागढ़ रोड से सरस्वती गांव होकर अथवा खनियाधाना- रन्नौद मार्ग से धपहेरा गाँव होकर भी यहां पहुंचा जा सकता है । स्तूप की ईंटों,उसकी सरंचना शैली और उसके स्थापत्य को देखकर इसका स्पष्ट अनुमान लगाया जा सकता है कि इसका निर्माण सम्राट अशोक द्वारा ही किया गया होगा ।यह बिल्कुल सारनाथ के धमेक स्तूप की। तरह है । बौद्ध वैभव काल की समाप्ति के बाद कई दिनों तक उपेक्षा ,गुमनानी और बदहाली में पड़े रहने के बावजूद सैकड़ों वर्षों तक मौसम,आँधी-तूफान के थपेड़े झेलक