'आर्य' और 'अरिय' का भेद

"अरिय" शब्द का पर्याय  'आर्य' शब्द नहीं है।

चार 'अरिय' सत्य क्या है ?

"इदं अरियसच्चं।" =यह अरिय सत्य है।

आचार्य आलारकालाम से सातवां और उद्दक रामपुत्र से आठवां ध्यान सीख कर जब समाधि ही पुष्प हुई, प्रज्ञा विमुक्ति नहीं प्राप्त हुई, तब बोधिसत्व सिद्धार्थ ने लगभग छः वर्षों तक उन दिनों बहुप्रचलित कायदंडन की दुष्करचर्या बड़ी कठोरता के साथ निभाई, परंतु वह नितांत निक्कमी और निरर्थक साबित हुई। अत: उसे त्याग दिया। बोधिसत्व ने आहार ग्रहण करना शुरू किया। आहार ग्रहण करने से आवश्यक शरीर बल प्राप्त कर उन्होंने नयी राह खोज निकाली और वैशाख पूर्णिमा की रात में पीपल वृक्ष तले सम्बोधि-ज्ञान प्राप्त की। सम्बोधि-ज्ञान प्राप्त होने से वे सम्यक सम्बुद्ध हुए। सम्यक सम्बुद्ध ने सारनाथ में पँचवग्गिय परिव्राजकों को प्रथम धम्म उपदेश दिया। वह दिन था- अषाढ पूर्णिमा। बुद्ध ने चार अरिय सत्य का उपदेश दिया।

कौन से चार अरिय सत्य?

यह है-

(१) इदं दुक्खं अरियसच्चं ।
- यह दु:ख अरिय सत्य है।

(२) इदं दुक्खसमुदयं अरियसच्चं ।
- यह दु:ख समुदय अरिय सत्य है।

(३) इदं दुक्खनिरोधं अरियसच्चं ।
- यह दु:ख निरोध अरिय सत्य है।

(४) इदं दुक्खनिरोधगामिनि पटिपदा अरियसच्चं ।
- यह दु:ख निरोधगामिनि प्रतिपदा अरिय सत्य है।

'अरिय' शब्द का अर्थ:
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अर             = चक्र की तीली।
अरि            = चक्र।
अरिय          = चक्र से संबंधित।
अरिय धम्म   = चक्र से संबंधित धर्म।
अरिय मग्ग   = चक्र से संबंधित मार्ग।
अरिय सच्च  = चक्र से संबंधित सत्य।
धम्मचक्कपवत्तन का चक्क (चक्र) इसी अरिय मग्ग और अरिय सच्च से जुड़ा है।
"आर्य" शब्द "अरिय" शब्द का पर्याय नहीं है।
इतिहासकार और भाषावैज्ञानिकों ने अरिय मग्ग और अरिय सच्च का जो भाष्य आर्य मार्ग और आर्य सत्य के रूप में किया है, वह गलत है।

पालि में आर्य के लिए अलग शब्द है, वह है- 'अय्य'।
 आर्य को पालि में "अय्य" कहा जाता है, "अरिय" नहीं।

'अरिय' और 'अय्य' दोनों अलग-अलग रूट के शब्द हैं, जिसका घालमेल हो गया है।

 "आर्य "शब्द का अर्थ आज बदल गया हैं। आज आर्य जाति समूह के लिए "आर्य "शब्द का प्रयोग होता हैं ।
वर्तमान में  "आर्य"  शब्द का अर्थ उत्तम,श्रेष्ठ के अर्थ में  किया जाता है। चार अरिय सत्य उत्तम,श्रेष्ठ होने के कारण चार आर्य सत्य शब्द प्रयोग किया जाता है। 
नमो बुद्धाय! जय भीम !!

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