बौद्ध स्तूप, राजपुर शिवपुरी
मप्र के शिवपुरी जिले में है सारनाथ के धमेक स्तूप की तरह का प्राचीन स्तूप Ajay Suryawanshi मप्र के शिवपुरी जिला मुख्यालय से 72 किमी दूर खनियाधाना तहसील में 2300 वर्ष से अधिक पुराना प्राचीन बौध्द स्तूप भग्नावस्था में अब भी बुधोन राजापुर गाँव मे खड़ा है ।गाँव के नाम से ही परिलक्षित होता है कि गांव का का भगवान बुद्ध के नाम से अवश्य ही कुछ संबंध है । स्तूप कई दिनों तक अनदेखी और बदहाली का शिकार रहा तथा स्थानीय गांववाले इसे "कुटिया मठ 'के नाम से जानते है ।अब यह पुरातत्व विभाग के अधीन है । रन्नौद से 12 किमी दूर चलकर यहां पहुंचा जा सकता है ।खनियाधाना- ईसागढ़ रोड से सरस्वती गांव होकर अथवा खनियाधाना- रन्नौद मार्ग से धपहेरा गाँव होकर भी यहां पहुंचा जा सकता है । स्तूप की ईंटों,उसकी सरंचना शैली और उसके स्थापत्य को देखकर इसका स्पष्ट अनुमान लगाया जा सकता है कि इसका निर्माण सम्राट अशोक द्वारा ही किया गया होगा ।यह बिल्कुल सारनाथ के धमेक स्तूप की। तरह है । बौद्ध वैभव काल की समाप्ति के बाद कई दिनों तक उपेक्षा ,गुमनानी और बदहाली में पड़े रहने के बावजूद सैकड़ों वर्षों तक मौसम,आँधी-तूफान के थपेड़े झेलक...
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