बीएचयू में पिछड़ों के लिए आरक्षित प्रोफेसर्स के 203 पद गायब
बड़ा खुलासा
BHU में ओबीसी के लिए आरक्षित प्रोफेसर्स के 203 पद गायब
खुद को पिछड़े वर्ग का हितैषी बतानेवाले प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र व राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य के गृहनगर वाराणसी स्थित देश के सबसे बड़े और केन्द्रीय विश्वविद्यालय बीएचयू में ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों को गायब किये जाने की चौंकाने वाली घटना सामने आयी है। नागपुर के सामाजिक कार्यकर्ता श्री संजय थूल को हाल ही में बीएचयू द्वारा आरटीआई से प्राप्त जानकारी से यह खुलासा हुआ है कि प्रधानमंत्री मननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के संसदीय क्षेत्र एवं राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य माननीय श्री कौशलेन्द्र सिंह पटेल जी के गृह नगर वाराणसी में स्थित देश के केन्द्रीय विश्वविद्यालय काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में ओबीसी के लिए आरक्षित कुल 568 शिक्षण पदों में से प्रोफेसर के 36, एसोसिएट प्रोफेसर के 93 और असिस्टेंट प्रोफेसर के 74 पद गायब कर दिये गये हैं। इस तरह तीनों कैडर को मिलाकर ओबीसी के लिए स्वीकृत कुल 203 पदों को गायब कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि बीएचयू द्वारा दी गयी सूचना में ओबीसी के लिए तीनों कैडर में कुल 568 पद स्वीकृत बताये गये हैं लेकिन विभिन्न संवर्गों में अब तक भरे गये पद और रिक्तियों को जोड़ा जाये तो ओबीसी कोटे में केवल 365 पद (भरे हुए एवं रिक्तियों को मिलाकर) ही आते हैं अर्थात कुल स्वीकृत/आरक्षित 568 पदों के सापेक्ष 203 पद कम हैं। आरटीआई से एक और गंभीर बात का खुलासा हुआ है कि अनुसूचित जनजाति (ST) एवं अन्य पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित प्रोफेसर के पद पर एक भी भर्ती बीएचयू में अभी तक नहीं की गई है। यह सारा खेल माननीय प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य के गृह नगर में हो रहा है। आखिर पिछड़ों का हितैषी बननेवाली भाजपा सरकार और स्वयं पिछड़ा होने का दंभ भरनेवाले माननीय मोदी जी के नाक के नीचे आखिर पिछड़े वर्गों के साथ यह अन्याय कब तक होता रहेगा ? क्या यही है "सबका साथ, सबका विकास ?"
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