संदेश

अक्तूबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

'बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय' के सापेक्ष है 'सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय'

दिये गये इन प्रश्नों के उत्तर ढूंढो ! आपको बुद्ध के 'बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय' तथा बहन सुश्री मायावती जी के 'सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय' से संबंधित सभी शंकाओं का समाधान मिल जाएगा 👉 बुद्ध के "बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय" में केवल आज के दलित, पिछड़े थे या अन्य वर्णों के लोग अर्थात ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य भी थे ? 👉 बुद्ध के अनुयायी सिर्फ वर्ण व्यवस्था के शूद्र और अन्त्यज (आज के दलित) थे या वे सवर्ण और ब्राह्मण भी थे जिन्हें बहनजी सर्वजन कहती हैं ? 👉 बाबा साहब अगर सर्वजन के विरोधी थे तो उन्होंने अपने संगठनों में प्रगतिशील ब्राह्मणों को क्यों महत्वपूर्ण पदों पर बैठाया ? 👉 बाबा साहब अगर सर्वजन के विरोधी थे तो फिर उन्होंने एक ब्राह्मणी से शादी क्यों की ?  👉  इसी तरह क्या महात्मा ज्योतिबा फुले सर्वजन विरोधी थे ? अगर हाँ तो उन्होंने काशीबाई नामक एक विधवा ब्राह्मणी को संरक्षण क्यों दिया और उसकी नाजायज संतान को अपना दत्तक पुत्र क्यों बनाया ? मतलब साफ है- जातीय विद्वेष खत्म करके ही समाज में परिवर्तन लाया जा सकता है। बहुजन समाज में जन्में महापुरुषों ने नफरत फैलाने की शि

यह उनके लिए जो बहनजी की एसी (AC) की हवा से दमारोगी (Asthmatic) हो गये हैं..

यह उनके लिए जो बहनजी की एसी (AC) की हवा से दमारोगी (Asthmatic) हो गये हैं.. कहा जाता है कि लायक संतानें अपने बुजुर्गों का खयाल रखती हैं। अगर सर्वत्र ऐसा होता तो हम 60-70 साल के बुजुर्गों को आज भी रिक्शा चलाते हुए सड़कों पर या वृद्धाश्रमों में क्यों देखते ? आज के तथाकथित मिशनरी और अम्बेडकरवादी ऐसे ही हैं। ये वैसे लोग हैं जो आज अगर बाबा साहब डॉ. आंबेडकर और मा.कांशीराम साहब जीवित होते तो ये उनको भी कहते कि AC में बैठे सरकार नहीं बनती सड़क में निकलो। अगर ये उपदेशक और बहुजन द्रोही इतने ही लायक होते तो देश में भाजपा की सरकार न बनती और न ही आज की तरह उसका देशव्यापी तांडव दिखायी देता। ये लोग वोट भाजपा या अन्य पार्टियों को देते हैं और बुराइयां बसपा की करते हैं। अगर बहुजन समाज आज भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आता और कम से कम उप्र में बसपा की सत्ता नहीं लौटती तो इनकी दुर्गति होनी तय है इसे कोई रोक नहीं सकता। अभी छः साल  के भाजपा राज्य में जितना तांडव मचा है यह केवल बानगी भर है। आनेवाले प्रलय और संहार के लिए बहुजन तैयार रहें। और हां नौकरी पेशावाले चतुर सुजान लोगो ! तुम यह अच्छी तरह जान लो, बसपा जितना क