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जून, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Ajanta Buddhist caves, Maharashtra state, India

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2,000 years old Ajanta Buddhist caves, Maharashtra state, India. UNESCO world heritage site .

A 2000-year-old Buddha belonging to Gandhara Civilization

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A 2000-year-old Buddha belonging to Gandhara Civilization The 2,000 years old statue of Buddha that had been put on display at an exhibition in Switzerland. Between December 2018 and March 2019, visitors to the Museum Rietberg in Zurich, Switzerland, had the rare opportunity to come face to face with a colossal statue of Buddha more than 2,000 years old. The statue from the Peshawar Museum in Pakistan was safely transported from its home to Zurich and back by Emirates SkyCargo.

Kondivite ancient Buddhist cave, Mumbai, Maharashtra state, India

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Kondivite ancient Buddhist cave, Mumbai, Maharashtra state, India. 1st century.

Buddhist Cave Mumbai

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2,000 years old Gandharpale Buddhist cave, Mumbai-Gia Highway, Maharashtra state, India.

Edicts of Ashoka. DhammaLipi -Inscriptions of the Dhamma.

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A Major Pillar Edict of Ashoka, in Lauriya Araraj, Bihar, India.

Famous Sultanganj Buddha Ftatue.

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Sultanganj Buddha statue. the largest substantially complete copper Buddha figure known from the time. The statue is dated to between 500 and 700 AD . The Sultanganj Buddha was cast in pure, unrefined copper by the cire perdue, or lost wax, technique. Inside there is a clay body. Statue found in 1861 during the construction of the East Indian Railway. It is now in the Birmingham Museum and Art Gallery, Birmingham, England. E. B. Harris, the railway engineer who discovered the Buddha during excavations that he carried out on ancient remains near the Sultanganj station that he was constructing, published a detailed account of his work, complete with a site plan and photographs. He describes finding the right foot of the Buddha ten feet under the surface, beneath a floor he considered to have been used to conceal the statue after it had been toppled from its former place. Harris sent the statue to Birmingham, the cost of its transport to England being paid by Samuel Thornton, a Birmingham

Buddhist monasteries found in Bad nagar, Gujarat

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Buddhist excavation in gujrat, India. In his accounts belonging to 7th century AD, Hiuen Tsang talked about ten Buddhist monasteries flourishing in Onantopulo, or Anandpura, the ancient name of Vadnagar in Gujarat.

The Dhamek Buddhist Stupa, Saranath Varanasi, India

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The Dhamek Buddhist Stupa is said to mark the spot where the Buddha gave the first sermon to his first five disciples after attaining enlightenment. The Dhamek Stupa was built in 500 CE to replace an earlier structure commissioned by the great Mauryan king Ashoka in 249 BCE, along with several other monuments, to commemorate the Buddha's activities in this location. King Ashoka built stupas to enshrine small pieces of calcinated bone and other relics of the Buddha and his disciples. An Ashoka pillar with an edict engraved on it stands near the site. Dhamek stupa located at Sarnath, 13 km away from Varanasi in the state of Uttar Pradesh, India.

Ramabhar Stupa, also called a Mukutbandhan-Chaitya, is the cremation place of Buddha. Kushinagar, UP, India.

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ब्रह्म विहार क्या है ?

'ब्रह्म विहार'  का अर्थ है-  " उत्कृष्ट जीवन जीने का मार्ग "। बंधन रहित जीवन जीने के लिए व निर्वाण प्राप्ति के लिए ब्रह्म विहार को समझना और उसका आचरण करना बहुत आवश्यक है। बौद्ध धम्म में ब्रह्म विहार एक ऐसी शिक्षा है जिसके आचरण से विश्व का कोई भी प्राणी दु:खी नहीं रहेगा और एक स्वस्थ समाज का निर्माण होगा। मैत्री, करुणा, मुदिता और उपेक्षा चित्त की ये चार सर्वोत्कृष्ट अवस्थाएँ हैं जिनसे राग , द्वेष ,ईर्ष्या , असूया आदि चित्त के मलों का क्षय होता है। चित्त की निर्मलता के लिए चार 'ब्रह्म विहार'   मैत्री :  जीवों के प्रति प्रेम और मित्रता की भावना रखना मैत्री है | अपने प्रति शत्रुता अथवा द्वेष रखने वालों के लिए भी मंगल कामना करना मैत्री है। वैर भाव से पूर्णता मुक्त हो जाना मैत्री है | करुणा :  दूसरों को दुखी देखकर सत्पुरुषों के हृदय में जो कम्पन होता है उसे करुणा कहते हैं | किसी को दुखी देखकर मन में सहानुभूति की लहर पैदा होने लगना, उसके प्रति भलाई की तरंगें उठने लगना, उसका दुःख दूर करने की भावना पैदा होने लगना करुणा है। मुदिता :  इसका अर्थ है- प्रसन्नता का भाव। दूस

चार अरिय सत्य

चत्तारि अरियसच्चानि (=चार अरिय सत्य) एकं समयं भगवा, वाराणसियं विहरति इसिपतने मिगदाये। एक समय भगवा वाराणसी के ऋषिपतन मृगदाय में विहार करते थे। वहां,तथागत ने चार अरिय सत्य का उपदेश दिया। चत्तारि अरियसच्चानि अर्थात "चार अरिय सत्य" बोधिसत्व सिद्धार्थ गौतम को ३५ साल की उम्र में ई. पू. ५२८, वैशाख पूर्णिमा की रात को सम्यक सम्बोधि प्राप्त होने के दो महीने बाद सारनाथ में अषाढ़ी पूर्णिमा के दिन पंचवग्गिय परिव्राजकों- कौंडिन्य, वप्प, भद्दिय, महानाम और अश्वजित को प्रथम धम्म उपदेश दिया। इस ऐतिहासिक उपदेश को धम्मचक्कप्रवर्तन सुत्त में संग्रहित किया गया है। बुद्ध ने चार अरिय सत्य का उपदेश दिया। कौन से चार अरिय सत्य ? यह हैं- (१) इदं दुक्खं अरियसच्चं । - यह दु:ख अरिय सत्य है। (२) इदं दुक्खसमुदयं अरियसच्चं । - यह दु:ख समुदय अरिय सत्य है। (३) इदं दुक्खनिरोधं अरियसच्चं । - यह दु:ख निरोध अरिय सत्य है। (४) इदं दुक्खनिरोधगामिनि पटिपदा अरियसच्चं । - यह दु:ख निरोधगामिनि प्रतिपदा अरिय सत्य है। अरिय शब्द का अर्थ- अर             = चक्र की तीली। अरि            = चक्र। अरिय          = चक्र से संबंधित। अ

प्रज्ञा क्या है?

🌿प्रज्ञा" धम्म स्कंध का तीसरा चरण ।🌿 प्रज्ञा क्या है?   भली प्रकार जानने का नाम ही प्रज्ञा है।  ऊपरी-ऊपरी दिखाऊ स्तर की सच्चाई को ही जान लेना प्रज्ञा नहीं है, प्रत्युत उस ऊपरी सत्य की गहराइयों में पैठ कर, भीतरी अंतिम सत्य जान लेना प्रज्ञा है। जैसे कोई अबोध बालक जवाहरातों को रंग-बिरंगे आकर्षक पत्थरों के टुकड़ों के रूप में देखता है, परंतु एक अनुभवी जौहरी अपनी पैनी दृष्टि द्वारा एक-एक रत्न के भीतर सदोषता-निर्दोषता को देखते हुए उसकी उचित परख करता है, वैसे ही प्रज्ञावान व्यक्ति, जो स्थिति सामने आती है, उसका केवल ऊपरी-ऊपरी अवलोकन ही नहीं करता, बल्कि अपनी बींधती हुई प्रज्ञा-दृष्टि द्वारा गहराइयों में उतर कर परमार्थ सत्य का साक्षात्कार करता है। यों हर स्थिति को भली प्रकार से समग्र रूप में जान लेना ही प्रज्ञा है।यह जानना भी तीन प्रकार का होता है। अतः प्रज्ञा भी तीन प्रकार की होती है; - १. श्रुतमयी प्रज्ञा:   वह प्रज्ञा जो सुन कर या पढ़ कर प्राप्त हुई हो। २. चिंतनमयी प्रज्ञा:   सुन-पढ़ कर जो प्रज्ञा प्राप्त हुई, उसे विचार-विनिमय द्वारा, चिंतन-मनन द्वारा, तर्क-वितर्क द्वारा अपनी बुद्धि-तुल

समाधि क्या है?

समाधि क्या है? तीन धर्म स्कंध  १.शील धर्म स्कंध २.समाधि धर्म स्कंध ३.प्रज्ञा धर्म स्कंध समाधि धर्म स्कंध:  समाधि क्या है? कुशल चित्त की एकाग्रता ही समाधि है। समाधान के अर्थ में समाधि है। एक आलम्बन में चित्त-चैतसिकौं का बराबर और भली-भांति प्रतिष्ठित होना समाधि है।  विक्षेप न होना समाधि का लक्षण है। समाधि के प्रकार कितने है? समाधि अनेक प्रकार की होती है। विेक्षेप न होने के लक्षण से तो एक ही प्रकार की है।    उपचार-अर्पणा के अनुसार तीन प्रकार की है-हीन, मध्यम, उत्तम। उपचार समाधि : छ: अनुस्मृति स्थान, मरण स्मृति,उपसमानुस्मृति, आहार में प्रतिकूलता का ख्याल,चार धातुओं का व्यवस्थापन- इनके अनुसार प्राप्त चित्त की एकाग्रता और जो अर्पणा समाधि के पूर्व भाग में एकाग्रता होती है-यही उपचार समाधि है। जब तक ध्यान क्षीण रहता है और अर्पणा की उत्पत्ति नहीं होती,तब तक उपचार समाधि का व्यवहार होता है। उपचार-भूमि में वितर्क, विचार आदि ध्यानांगों का प्रादुर्भाव नहीं होता, यद्यपि चित्त समाहित होता है। जिस प्रकार ग्राम का समीपवर्ती प्रदेश ग्रामोपचार कहलाता है,उसी प्रकार अर्पणा समाधि के समीपवर्ती होने के कारण उपच

बसपा सुप्रीमो बहन सुश्री मायावती जी के अतुलनीय कार्य

बसपा सुप्रीमो बहन सुश्री मायावती की अतुलनीय उपलब्धियां यहां बहन जी के नेतृत्व में बसपा शासनकाल की कुछ प्रमुख उपलब्धियों की चर्चा बिंदुवार की जा रही है। इनमें केवल नौकरी, शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा तथा गरीब कल्याण व आवास आदि से जुड़ी कुछ चुनिंदा उपलब्धियों का ही संक्षेप में उल्लेख किया गया है। यदि आप पूर्वाग्रह से ग्रसित नहीं हैं तो इनको पूरा पढ़िये और अन्य पार्टियों तथा उनके नेताओं के कार्यों से बहन सुश्री मायावती जी द्वारा किये गए विकास कार्यों की निष्पक्ष रूप से तुलना कीजिए- सर्वाधिक नौकरियाँ देनेवाली पहली मुख्यमंत्री- 88,000 (अठासी हजार)प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती। 1,9000 (एक लाख) सफाई कर्मियों की भर्ती। 5000 उर्दू शिक्षकों की भर्ती। विभिन्न विभागों में विशेषकर डाक्टरों, इंजीनियरों के वर्षों से खाली पड़े पदों पर भर्ती। लोकसेवा आयोग, उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग तथा माध्यमिक शिक्षा आयोग के माध्यम से लाखों पद विभिन्न प्रशानिक विभागों में तथा हाईस्कूलों, इंटर कालेजों व महाविद्यालयों में भरे गये। जिला एवं सत्र न्यायाधीश के 156 नये पद सहित विभिन्न श्रेणी के 780 अन्य नि:संवर्गीय पदो

बुद्ध वचनों में श्रद्धा रखनेवालों की कभी पराजय नहीं

एक समय भगवान बुद्ध राजगृह के गृध्रकूट पर्वत पर ठहरे थे।   उस समय मगध नरेश, वैदेही-पुत्र अजातशत्रु वज्जियों पर आक्रमण करना चाहता था।  उसने अपने मन में कहा- "चाहे वे कितने ही शक्तिशाली क्यों न हों, मैं इन वज्जियों की जड़ खोद डालूंगा, मैं इन वज्जियों को नष्ट कर डालूंगा, मैं इन वज्जियों का सर्वथा विनाश कर डालूंगा।" तब उसने मगध के प्रधान मन्त्री वस्सकार ब्राह्मण को बुलाया और कहा- "ब्राह्मण !  तुम भगवान बुद्ध के पास जाओ और मेरी ओर से उनके चरणों में नमस्कार करो, तब उनका कुशल समाचार पूछो कि वे निरोग और स्वस्थ हैं या नहीं ?" "-और तब उनसे कहो कि मगध नरेश वैदेही-पुत्र अजातशत्रु वज्जियों पर आक्रमण करना चाहता है । उसका कहना है कि चाहे वे कितने ही शक्तिशाली हों, वह उनकी जड़ उखाड़ देगा, वह उनको नष्ट कर डालेगा, वह उनका सर्वथा बिनाश कर देगा।" "-ऐसा कहने पर जो कुछ तथागत कहें उसे ध्यानपूर्वक सुनना और आकर मुझे बताना । क्योंकि बुद्ध का कथन कभी अन्यथा नहीं होता।" तब वस्सकार ब्राह्मण ने राजा के वचनों को सुना और कहा- "महाराज! जैसा आप चाहते हैं, वैसा होगा।" और

जानिये- पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए बसपा के दूसरे शासनकाल की 10 प्रमुख उपलब्धियां

पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए बहुजन समाज पार्टी के दूसरे शासनकाल की 10 प्रमुख उपलब्धियां कल मैंने बहन मायावती जी के नेतृत्व में बसपा की 3 जून, 1995 को उत्तर प्रदेश में पहली बार बनी सरकार के साढ़े चार माह के शासनकाल में पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए किये गए 10 प्रमुख कार्यों की चर्चा की थी। बसपा शासन की अभूतपूर्व उपलब्धियों की श्रृंखला में आज जानिये पिछड़ों के हित संवर्धन और कल्याण के लिए बसपा के दूसरे शासनकाल (21 मार्च, 1997 से 20 सितंबर, 1997) में मात्र छः माह की प्रमुख 10 उपलब्धियां क्या थीं- माननीय सुश्री मायावती जी द्वारा 21 मार्च 1997 को सत्ता संभालने के तुरंत बाद दिनांक 6 अप्रैल 1997 को पिछड़े वर्गों (माली समाज) में जन्मे  भारत के महान सपूत महात्मा ज्योतिबा फुले के नाम से पश्चिमी उत्तर प्रदेश  एवं 6मई, 1997 को आरक्षण के जनक कुर्मी जाति में जन्मे छत्रपति शाहूजी महाराज के नाम से पूर्वी उत्तर प्रदेश में दो नए जिलों की स्थापना की गई। इसी के साथ भारत के नक्शे में पहली बार पिछडे वर्गों में जन्में महापुरुषों का नाम दर्ज हो गया। 7जुलाई, 1997 को रुहेलखंड विश्वविद्यालय का नामकरण सामाजिक क्रा

बसपा सरकार के प्रथम शासनकाल में अन्य पिछड़े वर्गों के हितों व उत्थान में किये गए 10 प्रमुख कार्य

बसपा के साढ़े चार माह के प्रथम शासनकाल में अन्य पिछड़े वर्गों के हितों व उत्थान में किये गए 10 प्रमुख कार्य (3 जून पर विशेष) बहुजन समाज के लिए आज अर्थात 3 जून ऐतिहासिक महत्व का दिन है। आज ही के दिन वर्ष 1995 में  देश में पहली बार सही मायने में अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़े वर्गों तथा धार्मिक अल्पसंख्यक वर्गों का प्रतिनिधित्व करनेवाली सरकार उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ हुई थी। बहन सुश्री मायावती जी के नेतृत्व में गठित बहुजन समाज पार्टी की प्रथम सरकार का कार्यकाल ज्यादा दिन नहीं चला लेकिन लगभग साढ़े चार महीने के अपने शासनकाल में बहनजी ने ऐतिहासिक व अभूतपूर्व कार्य किये। यहाँ मैं 3 जून 1995 से 18 अक्टूबर, 1995 तक की अवधि में पिछडेवर्गों के उत्थान में किये गए ऐतिहासिक व अभूतपूर्व कार्यों की श्रृंखला में 10 प्रमुख कार्यों को संक्षेप में प्रस्तुत कर रहा हूँ- 1- पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की स्थापना- अन्य पिछड़े वर्गों के लोगों के हितों व उनके उत्थान से संबंधित विभिन्न सरकारी योजनाओं का अनुसरण करने के उद्देश्य से देश में पहली बार  12 अगस्त 1995 को " पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग " की स्थापना